5g ka naya tension | 5g का नया टेंशन |
5g की तेजी हवाई उड़ानों पर भारी पड़ रही है उन्नीस तारीक से अमेरिका मे कुछ
मोबाइल कंपनियो ने 5g सेवा कि शुरुआत की है | और हवाई यात्रा पर इसका असर दिखने लगा है। एयर इंडिया के समित दुनिया के कई एयरलाइन्स को अमेरिका
जाने वाले कुछ फ्लाइट कैन्सल करने पड़े। आखिर इस नयी टेक्निक से एयरलाइन्स को क्या दिक्कत
होराही है।
अमेरिका मे 5g की
दस्तक हवाई उड़ानों के लीए जीत का जन जाल बन गयी है। आलम ये है की भारत समेत दुनिया के कई एयरलाइन्स ने अमेरिका जाने
वाले फ़्ल्यिट्स कैन्सल की है। विमान कंपनियाँ बखाइदा चेतावनि जारी की है की 5g फोन सेवा के सिग्नल फ्लाइट्स के नैविगेशन सिस्टम मे रुकावट पैदा करसकते
है और ये विमान सेवाओ के लीए घातक साबित होसकता है। अमेरिका मे वेरिजोन और at&t ने 5g मोबाइल सेवा शुरू हुवी है। 5g लागू पर एयर इंडिया को कडा कदम लिया और अमेरिका जानेवाली कुछ फ़्ल्यिट्स
को रद्द करना पड़ा। जाहीर है इस से मुसाफिरो को परेशानी उटानी पद रही है। लेकिन
एयरलाइन्स कंपनियो के 5g को लेकर अपनी चिंता है और इन हालातो
को देखते हुवे एयरलाइन्स अपने फ़्ल्यिट्स को कैन्सल करने का फैसला टेंशन कर रही है।
और जान ने के लिए आगे पड़िए।
एमिरेटस
ने भी अमेरिका के एयरपॉर्ट्स पर 5g नेटवर्क सेवा लागू होने पर चिंता जताई है
और बोस्टन साइन फ्रांसिस्को और शिकागो और सियाताल की उड़ाने स्थगित करदी है। अमेरिका
ने एयरलाइन्स ने इंडिया एयरलाइन्स और यूनाइटेड एयरलाइन्स समेत अमेरिका की दस बड़ी
एयरलाइन्स कंपनीयो ने बाइडन सरकार जताए है की 5g का c
बैंड विमान नेविगेशन सिस्टम के लीए घातक पैदा कर सकता है। खास कर खराब मोसम पर दौरान इस से हवाई यात्राओ के साथ ट्रांसपोर्टशिन , मेडिकल , और वाकसिन सप्लाइ पर असर पड सकता है। गुड
न्यूज़ ये है की विमान कंपीनियों की चिंता को देखते हुवे 5gसेवा
शुरू करने वाली कंपनी कुछ हवाई अड्डो टावर पर सेवाए देर से लागू करने पर सहमत
होगयी है। लेकिन ये स्थायी समाधान नही है
विमान कंपनी चाहती है हवाई पट्टी से तकरी बन 2 मील की दूरी तक 5g सिगनल्स को बाहेर रखा जाये। वही 5g नेटवर्क लॉंच
करने वाली मोबाइल कंपनियो की दलीले है की उन्होने इस टेक्निक के लिये अपने नेटवर्क
को उपग्रड किया है इस से अरबों डॉलर की रखम खर्च होचुकी है इस तकनीक के जरिये
इंटरनेट की रफ्तार तेज़ होगी और कनेक्टिविटी बेहतर होगी जाहीर है वक़्त रहते है इस
तकनीक की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जान जरूरी है क्यू की 5g नेटवर्क और हवाई यात्रा दोनों ज़रूरी है। दरअसल एविएशन रेगुलेट करने वाली संस्थाए अमेरिकी सरकार से मांग की है
की हवाई पट्टी से तकरीबन 2 मील की दूरी तक 5g सिगनल्स को बाहर
रखा जाये। अब सवाल ये है की 5g मोबाइल नेटवर्क टेक्निक से
ऐसा क्या होसकता है जो फ्लाइट नेविगेशन मे बाधा आरही है? जान
कारो का कहना है की रेडियो एल्टिमेटर एक अहम टेक्निक है जो विमान की मूवमेंट की
जानकारी देती है और साथ ही पायलट को वो जानकारी मुहैया करती है जो लैंडिंग के
दौरान इंजन और ब्रेयाकिंग सिस्टम मे रुकावट पैदा होसक्ति है और इस से रनवे पर
विमान को रोकने मे बाधा आ सकती है।
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